जीवन को सफल बनाने के लिये शिक्षा की जरुरत है, डिग्री की नही । हमारी डिग्री है – हमारा स्वभाव, हमारी नम्रत्ता हमारे जीवन की सरलता। अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जागरित न हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है। -प्रेमचंद
ल्क्ष्य के बिना कोई भी व्यक्ति मौलिक या रच्नात्मक कर्त्ता नही बन सकता और जब तक व्यक्ति एकनिष्ठहोकर अपने को किसी एक ही बिंदु पर एकाग्र नही करता, तब तक उन्न्ति के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता और न ही अपने जीवनौद्देश्य को प्राप्त कर सकता है । -स्वेट मार्डेन
हमने अब तक जो कुछ अच्छा पढा या सुना है उस पर विचार करें, उसे हजम करें उसे जीवन का अंग बना लें तभी पढने और सुनने का प्रयोजन सिद्ध होता है।
माता-पिता के समान सुख देने वाली केवल उत्तम विद्या ही है। - शंकराचार्य
सिर्फ उन लोगो को अपने चारों और इकट्ठा करें, जो आपको और ऊपर ले जाएं। ओप्रा विनफ्रे
दुख को जो बोझ समझता है, उसका पतन हो जाता है। जो चुनौती समझकर स्वीकार करता है, उसका उत्कर्ष हो जाता है । -आचार्य रामचन्द्रा शुक्ल
प्रेम में व्यक्ति हर पल, हर क्षण, चौबीस घंटे रह सकता है। लेकिन क्रोध में कुछ पल से ज्यादा नही रह सकता। स्वामी अवधेशानंद गिरी
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