खूब लंबा-तगड़ा एक पहलवान बस में चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट?
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
कंडक्टर डर के मारे कुछ नहीं कर सका।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले लिया।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले लिया।
पहलवान रोज बस में चढ़ता।
कंडक्टर रोज पूछता: भाई साहब, टिकट?
पहलवान रोज जवाब देता: हम टिकट नहीं लेते।
कण्डक्टर ने बात को दिल पर ले ली..
रातोँ की नीँद उड़ गई
ख़ून ख़ौल उठा..
रातोँ की नीँद उड़ गई
ख़ून ख़ौल उठा..
5 महीने में कंडक्टर ज़िम में कसरत करके पहलवान की तरह तगड़ा हो गया।
पहलवान फिर बस में चढ़ा।
कंडक्टर: भाई, टिकट ले ले।
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
कंडक्टर छाती चौड़ी करके बोला: क्यों नहीं लेता बे?
पहलवान: पास बनवा रखा है, इसीलिए नहीं लेता।
कुछ बातें दिल पे नही लेनी चाहिए!!
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