- जो व्यक्ति अपना सबकुछ खो चुका होता है, उससे ज्यादा खतरनाक व्यक्ति दुनिया में कोई नहीं हो सकता है.
→ क्योंकि उस व्यक्ति को किसी और चीज के खोने का डर नहीं रहता है. - संस्कारों की असली परीक्षा तब होती है, जब परिस्थितियाँ बुरी हो और हालात आपको तोड़ना चाहें. जब आपको किसी चीज की जरूरत हो और गलत रास्ते पर जाने पर हीं वो चीज आपको मिल सकती हो.
→ संस्कारों के बिना ज्ञान अभिमान बन जाता है, धन पाप में खर्च होता है और संस्कार के बिना शक्ति दूसरों को कष्ट देती है.
मोहग्रस्त व्यक्ति को समझाना मूर्खता है, क्योंकि उसे न तो यह दिखाई देता है कि क्या सही है और क्या गलत. और न उसे यह समझ में आता है कि कौन उसका अपना है और कौन पराया. - संस्कार जड़ों की तरह होते हैं, जो मुश्किलों में व्यक्ति रूपी वृक्ष को तूफान में उखड़ने से बचाते हैं.
→ संस्कार हमें बंधन लग सकते हैं, लेकिन इस बंधन में बंधे हुए लोगों की हीं कीर्ति दुनिया में टिकती है. - Past से चिपके रहकर Future को अच्छा नहीं बनाया जा सकता है.
→ Past को Past में हीं रहने देना चाहिए.
जिस रास्ते से जाना नहीं उस रास्ते के बारे में बहस करना बेवकूफी है. - बिना मांगे दूसरों को सलाह देने का मतलब होता है, खुद तनाव को निमंत्रण देना.
→ मोह पतन की ओर ले जाता है.
→ जिस चीज से आपको कोई मतलब नहीं हो, उसके पीछे समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.
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