1.होती नहीं है मोहब्बत सूरत से;मोहब्बत तो दिल से होती है;सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी;कदर जिनकी दिल में होती है।
2.क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे….मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!
3.कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नही..वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है..
4.जान लेने पे तुले हे दोनो मेरी..इश्क हार नही मानता..दिल बात नही मानता
5.धडकनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल, अभी तो पलके झुकाई है, मुस्कुराना बाकी है उनका ।।
6.उसे बारिश ☂ मे भीगना अच्छा लगता है ओर मुझे सिर्फ़ बारिश मे भीगती हुयी वो
7.आप से मिलकर हम कुछ बदल से गये शेर पडने लगे गुनगुनाने लगे पहले मशूहर थी अपनी संजिदगी अब तो लोगो से मिलने मिलाने लगे
8.मेरे इस दिल को तुम ही रख लो,बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी..!
9.यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की..तुम्हें देखा तो लगा..एक बार और देख लूँ
10.इतना किसी को सताया नहीं करते…हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते…जिनकी साँसें चल्ती हों आपके लफ़्हज़ों से…उन्हे अपनी आवाज़ के लिये तरसाया नहीं करते…
2.क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे….मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!
3.कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नही..वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है..
4.जान लेने पे तुले हे दोनो मेरी..इश्क हार नही मानता..दिल बात नही मानता
5.धडकनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल, अभी तो पलके झुकाई है, मुस्कुराना बाकी है उनका ।।
6.उसे बारिश ☂ मे भीगना अच्छा लगता है ओर मुझे सिर्फ़ बारिश मे भीगती हुयी वो
7.आप से मिलकर हम कुछ बदल से गये शेर पडने लगे गुनगुनाने लगे पहले मशूहर थी अपनी संजिदगी अब तो लोगो से मिलने मिलाने लगे
8.मेरे इस दिल को तुम ही रख लो,बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी..!
9.यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की..तुम्हें देखा तो लगा..एक बार और देख लूँ
10.इतना किसी को सताया नहीं करते…हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते…जिनकी साँसें चल्ती हों आपके लफ़्हज़ों से…उन्हे अपनी आवाज़ के लिये तरसाया नहीं करते…
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