- एक वो दौर भी था जब तुम भी थे और हम भी थे
अब तो बस तुम हो इस दुनिया में, हम कहीं भी नहीं………… - शिकवा करूं भी, तो कैसे करूं तुझसे
अब तू बेगानी है, और मैं भी तेरा नहीं………… - प्यार ने इस कदर तोड़ दिया है हमें….
कि जो लड़का, हर किसी के मुस्कुराहट की वजह बनता था
अब वो दिल खोलकर ….. रो तक नहीं पाता है……………. - जब दर्द भी मेरे हों, और दास्तान भी मेरी
तो किसे इल्जाम दूँ, किसे हाल-ए-दिल सुनाऊँ… - ये भी एक दौर है तन्हाई का, ये दौर भी गुजर जायेगा
कल मेरा भी कोई अपना होगा, किसी की आँखों में मेरे प्यार का सपना होगा…. - तन्हाई के काले बादल भी जरूरी होते हैं, प्यार की फसल उगाने के लिए
बेवफा से बिछुड़ना भी जरूरी होता है, सच्चे प्यार को पाने के लिए. - अब मोहब्बत हो गई है तुमसे……. हार या जीत की फ़िक्र है किसे…………
- हमें “कीमत” से नहीं खरीद सकते तुम, हम वो हैं जो “किस्मत” से मिला करते हैं…………
- कुछ इस तरह रुलाया उसने मुझे अपने प्यार में
कि अब दिल के दर्द आँखों में आँसू तक नहीं ला पाते हैं…………. - जो तेरे प्यार को ठुकरा दूँ, तो पत्थर दिल न समझना मुझे
प्यार में कुछ इस तरह जख्म खाए हैं मैंने………
कि प्यार की राह भाती नहीं मुझे, अब किसी की सूरत लुभाती नहीं मुझे………… - मत पूछो कि प्यार करने की क्या कीमत चुकाई है मैंने
खुद को दांव पर लगाकर, अपने हाथों से अपनी हस्ती मिटाई है मैंने………… - जिंदगी तो तुमने ले हीं ली हमारी,
तू बोले तो… मौत भी अपनी तेरे नाम कर दूँ
तेरी बेवफाई के बदले, तुझे.. अपने प्यार का एक और ईनाम दूँ…………
मेरा साथ छोड़कर, दौलत वाले का हाथ थामा था तूने - तुम इठलाते हो अपनी बेवफाई पर
मुझे नाज है अपने प्यार करने के अंदाज पर…………
तुमने सबकुछ पाकर खुद को खो दिया
हमने सबकुछ खोकर पा लिया खुद को…………
तुम क्या सोचते हो, तुम मुझे ऐसे हीं भूल जाओगे - उस बेवफा की बेशर्मी तो देखो, खुद बेवफाई करके
मुझे, बेवफा बताती है जमाने के सामने………… - किसी बेवफा से किसी को, कभी प्यार न हो
दिल का आँगन भले सूना हीं रहे
पर किसी बेवफा से कभी किसी की नजरें चार न हो………….
अब मैं रोज इतनी दौलत कमाता हूँ, कि हर दिन तुझे दौलत से तौल दूँ…………
मैं इस तरह सताऊंगा तुझे, कभी टीवी पर… तो कभी अख़बारों की सुर्ख़ियों में नजर आऊंगा तुझे…………
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